लखनऊ: बसपा नेता मायावती ने प्रशासन के खिलाफ बड़ा बयान दिया
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संविधान दिवस पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में खेदजनक है
लखनऊ, दैनिक विचार। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संविधान दिवस पर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में खेदजनक है कि सत्तारूढ़ दलों, विशेषकर कांग्रेस और भाजपा ने संविधान को उस तरीके से लागू नहीं किया है जो वास्तव में जनहित में हो। देश का संविधान घमंड करने की चीज नहीं है।
मंगलवार को मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि देश का संविधान दिखावा नहीं है, लेकिन इसे पूरी तरह से अपनाना और उचित तरीके से काम करना जरूरी है। भारतीय संविधान विशेष रूप से जाति से मुक्त समतापूर्ण समाज बनाने और देश को महान बनाने के लिए "सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय" के कल्याणकारी और मानवीय लक्ष्यों पर केंद्रित है। उन्होंने दावा किया कि देश में दशकों से संविधान के क्रियान्वयन के बावजूद स्थानीय स्तर पर वास्तविक सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक लोकतंत्र का अभाव दर्शाता है कि सत्तारूढ़ दलों-विशेष रूप से कांग्रेस और भाजपा- ने संविधान की वास्तविक जनकल्याणकारी मंशा को पूरा नहीं किया, जो बहुत खेदजनक है।
संविधान दिवस पर बसपा ने किया संविधान का सम्मान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यद्यपि बसपा "संविधान दिवस" पर संविधान की बहुत प्रशंसा करती है, परन्तु इसके प्रमुख निर्माता पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को सार्थक श्रद्धांजलि तभी संभव है जब उनके लाखों शोषित व उपेक्षित समर्थकों का जीवन आरक्षण आदि के माध्यम से बेहतर बनाया जाए। इसके लिए बसपा प्रतिबद्ध है। भारत की राजधानी में, जहां लगभग 140 करोड़ लोग गरीबी में जी रहे हैं, विकास के माध्यम से लोगों की गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन को दूर करने का व्यापक जनहित व कल्याणकारी कार्य नहीं हो रहा है। इसके विपरीत, कुछ व्यक्तियों की वृद्धि यहां के संतुलन को बिगाड़ रही है, जिससे अत्यंत आवश्यक जन विकास का होना असंभव हो रहा है।
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