विधानसभा सत्र: संभल और बहराइच जमानत पर सुनवाई में सपा विधायक शामिल हुए, सुनवाई दोपहर 12:20 बजे तक के लिए टाल दी गई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने नियम 311 के तहत बहराइच और संभल में हुए दंगों पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि नियम 311 इस मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं देता है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने नियम 311 के तहत बहराइच और संभल में हुए दंगों पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि नियम 311 इस मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं देता है। नियमावली में ऐसा नहीं कहा गया है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है। नतीजतन, सभी नियमों को ढीला किया जाना चाहिए और बातचीत होनी चाहिए। विपक्ष के सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए।
पीठ द्वारा एक बार फिर चर्चा को खारिज करने के बाद सपा सदस्य कोर्ट पहुंचे। विपक्ष के सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। जमानत पर करीब बीस मिनट की नारेबाजी के बाद महाना ने कहा कि इस मामले पर चर्चा के लिए नियम 56 का इस्तेमाल किया जाएगा। विपक्ष के सदस्यों ने इस पर भी असहमति जताई। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को मनाने के कई प्रयास किए। हालांकि, सपा सदस्यों के नहीं मानने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12:20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सपा सदस्य वेल में ही धरने पर बैठ गए। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी सपा सदस्य वेल में ही धरने पर बैठे रहे। वे नारेबाजी करते रहे।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक हमारी सरकार का सर्वोच्च उद्देश्य कानून का राज कायम रखना और विकास का पहिया घुमाते रहना है। विपक्ष का एकमात्र लक्ष्य शोर मचाना है। चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य और विधायक सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा में एकत्र हुए। उन्होंने एक साथ चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को घेरते हुए नारे लगाए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर अन्य बातों के अलावा 'पुलिस अत्याचार, बेरोजगारी से बर्बाद युवा, पेपर लीक से परेशान युवा और अधूरी फसलों के एमएसपी का वादा' जैसे नारे लिखे थे।
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