मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण को मंजूरी
मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा और झांसी के बीच रेलवे परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई पर लगी रोक हटा ली।
मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा और झांसी के बीच रेलवे परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई पर लगी रोक हटा ली। इससे पहले कोर्ट ने काटे जाने वाले पेड़ों की भरपाई के लिए 50,943 पौधे लगाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा आवश्यक पौधे सफलतापूर्वक लगाए जाने के बाद रोक हटा ली।
आरवीएनएल द्वारा 13 मई, 2022 के आदेश के अनुसार 50,943 पौधे लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया। केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस मनमोहन की पीठ को बताया कि रेलवे निकाय को करीब 51,000 पौधे लगाने की शर्त पर 5,094 पेड़ काटने की अनुमति दी गई है।
न्यायालय ने 14 अक्टूबर के अपने पिछले आदेश को भी पलट दिया, जिसमें पौधरोपण की आवश्यकता का अनुपालन न करने के कारण परियोजना पर रोक लगा दी गई थी। पीठ ने अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की और निष्कर्ष निकाला कि आवश्यक संख्या में पौधे रोपे गए हैं, जिसके कारण स्थगन आदेश रद्द कर दिया गया।
मथुरा-झांसी तीसरी रेलवे लाइन, जो 274 किलोमीटर तक फैली है, को अब निर्माण के लिए हरी झंडी मिल गई है। कुल लंबाई में से 98 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में, 140.80 किलोमीटर मध्य प्रदेश में और 35 किलोमीटर राजस्थान में होगी।
2015-16 में स्वीकृत यह परियोजना क्षमता संबंधी बाधाओं को दूर करेगी और भारतीय रेलवे के प्रमुख उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर यातायात के भविष्य के विकास को सुगम बनाएगी, जिससे तीन राज्यों के छह जिलों को लाभ होगा।
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