अतुल सुभाष की मौत के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है
बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष को उनके साले अनुराग, सास निशा और पत्नी निकिता सिंघानिया के साथ हिरासत में लिया गया है।
बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष को उनके साले अनुराग, सास निशा और पत्नी निकिता सिंघानिया के साथ हिरासत में लिया गया है। उन पर अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। मामले में चौथे आरोपी निकिता के चाचा को पुलिस पकड़ नहीं पा रही है। उसकी अभी भी तलाश कर रही है। धारा 108 के तहत अतुल ने चारों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में चारों को भारतीय कानून के तहत 10 साल की जेल की सजा हो सकती है।
भारतीय कानून के अनुसार धारा 108 भारतीय न्यायिक संहिता से जुड़ी है। इस धारा के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने को शामिल किया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और यह पता चलता है कि किसी और ने उसे ऐसा करने के लिए उकसाया है, तो उसे दस साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस अपराध में उसका कोई दोस्त, परिवार का सदस्य या कोई और भी शामिल हो सकता है। इस मामले में अदालत उन्हें कितनी सजा देगी, यह अभी भी अनिश्चित है। कोर्ट ने अब निकिता, उसके भाई अनुराग और मां निशा को न्यायिक हिरासत में रखा है। जल्द ही उन्हें सुनवाई के लिए एक बार फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में कोर्ट उन्हें कितनी सजा देती है, यह अभी तय नहीं है।
अतुल ने 9 दिसंबर को खुदकुशी करने से पहले निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था। वीडियो और सुसाइड नोट में उसने अपने आरोपों का ब्योरा दिया था। डीसीपी शिवकुमार ने क्या कहा? डीसीपी व्हाइट फील्ड डिवीजन, बेंगलुरु (कर्नाटक) शिवकुमार के मुताबिक, आरोपी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम (हरियाणा) से हिरासत में लिया गया है। आरोपी निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें न्यायिक निगरानी में रखा गया है। मामले की अभी जांच की जा रही है। आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। अतुल सुभाष के भाई विकास ने भाभी निकिता और उसके रिश्तेदारों पर आत्महत्या में मदद करने और उकसाने का आरोप लगाया है। मराठाहल्ली थाने में दर्ज एफआईआर में इन सभी को आरोपी बनाया गया है।
जांच के दौरान निकिता के परिवार ने खुद को निर्दोष बताते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। इस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। अतुल मानसिक तनाव से गुजर रहा था। अतुल के परिवार की ओर से मामले के बाद यह प्रतिक्रिया आई है। हालांकि उसने कभी अपने परिवार को यह बात नहीं बताई, लेकिन पिता पवन मोदी ने भी कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से परेशान था। अतुल के पिता पवन मोदी अब अपने पोते व्योम की कस्टडी की मांग कर रहे हैं। अतुल के माता-पिता के अनुसार व्योम हमारे बेटे की आखिरी निशानी है। कोर्ट उसे हमें सौंप दे। हम उसकी अच्छी तरह से देखभाल करेंगे। हम अपने पोते को आखिरी बार देखना चाहते हैं। हालांकि अतुल अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन पोता रहने पर शायद हमारे दिल पर लगे कुछ जख्म भर जाएं।
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